LED bulbs repair at home | खराब एलईडी बल्ब को घर पर आसानी से ठीक करें
LED bulbs | एलईडी बल्ब्स
अगर बात एनर्जी सेविंग और सबसे ज्यादा ब्राइट लाइट की हो तो LED बल्ब्स का ख्याल ही हमारे दिमाग में सबसे पहले आता है। लेकिन ये बल्ब्स अभी कुछ सालो पहले ही मार्केट में आये हैं। एक समय था जब देश के लगभग हर घर में पीले बल्ब का प्रयोग किया जाता था ये बल्ब्स रौशनी बहुत तेज़ देते थे लेकिन बिजली का बिल भी तेज़ी से बढ़ाते थे आज उन बल्बों का दौर खत्म हो चुका है। अब उनकी जगह तेज रोशनी तथा बिजली की कम खपत करने वाले एलईडी बल्बों ने ले है। आपको बता दें कि ये नए एलईडी बल्ब पुराने बल्बों की तुलना में कई गुना लॉन्ग लास्टिंग है और कई साल तक चलते हैं, ये बिजली के fluctuations को भी ईजिली हैंडल कर पाने में सक्षम हैं। आज देश के लगभग हर घर में इन एलईडी बल्बों का यूज होता है। यहीं कारण है कि सरकार भी अब पुराने पीले बल्बों को पूरी तरह हटाकर एलईडी बल्लों के प्रयोग पर जोर दें रही हैं ताकि एनर्जी सेविंग की जा सके।एलईडी बल्ब अगर ख़राब हुआ हो | How to repair LED bulb
इन सभी खूबियों के साथ एक फैक्ट ये भी है कि एलईडी बल्ब दूसरे बल्बों की तुलना में थोड़े महंगे होते हैं, लेकिन उतनी ही बिजली के बिल की सेविंग भी करते हैं। लम्बे समय तक इस्तेमाल होते-होते एक वक्त के बाद ये खराब हो जाते हैं। खराब होते ही अगर आप इन बल्ब्स को फेंक देते हैं तो आज ये आर्टिकल पूरा पढ़ें उसके बाद आप इन बल्ब्स को तुरंत नहीं फेकेंगे। ज्यादातर लोग इनकों फेंक देते हैं और बाजार से नया एलईडी बल्ब खरीद लाते हैं। अगर आप पैसे बचाना चाहते है तो थोड़ी सी मेहनत करके आप इन बल्ब को घर पर ही आसानी से रिपेयर कर सकते हैं और अपने पैसों की बचत कर सकते हैं, तो जान लीजिये की किस तरह आप ख़राब हो चुके दोबारा ठीक करें।इस कॉम्पोनेन्ट को बदलें | LED bulb's component should replace
बल्ब को रिपेयर करने से पहले ये पता होना चाहिए की की उसमे खराबी क्या है, और कोण सा हिंसा बेकार हुआ है। एलईडी बल्ब के अंदर आप देखेंगे की एक छोटा सा इलेक्ट्रॉनिक सर्किट होता है। जिसमें कुछ ट्रांजिस्टर और कैपेसिटर लगे होते हैं। इसके अलावा बहुत सारी छोटी-छोटी एलईडी लाइट्स लगी होती है। ये छोटी इलईडी लाइट्स लॉन्ग लास्टिंग होने की वजह से इन के खराब होने की संभावना बहुत कम होती है। सर्किट का जो हिस्सा ज्यादातर खराब होता है वह हैं उसके अंदर लगे इलेक्टॉनिक कॉम्पोनेन्ट जैसे की- कैपेसिटर और ट्रांजिस्टर। अगर ये आपको देखने से फ़टे हुए या जले हुए लग रहे हैं तो इन को रिप्लेस कर दें। इन को बदलना काफी आसान है। ये कॉम्पोनेन्ट बहुत सस्ते मिलते हैं आप ट्रांसिस्टर या कैपेसिटर का नंबर देखकर उसी नंबर और स्पेसिफिकेशन वाला कॉम्पोनेन्ट लगा दें।एलईडी बल्ब को खोलने के बाद आपको उसके अंदर एक प्लेट दिखाई देगी जिसमें एक तरफ एलईडी लगी होती हैं और दूसरी तरफ इन के पीछे कॉम्पोनेन्ट कैपेसिटर,रजिस्टर और ट्रांजिस्टर लगे होते हैं। सोल्डरिंग मशीन की सहायता से फटे या जले हुए कॉम्पोनेन्ट की जगह पर पॉजिटिव और नेगेटिव मार्क देखकर नया कॉम्पोनेन्ट सोल्डर कर दें, फिर जिस तरह आपने बल्ब को खोला था उसी तरह बंद कर दें। ऐसा करने के बाद आपका बल्ब ठीक हो जाएगा और एक बार फिर से आप को रोशनी देने लगेगा।
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Agar components bhi jle na dikhe.or led bhi thik dikhe tb kya krege
ReplyDeleteGghbv
ReplyDeleteआपने बहुत ही अच्छी जानकारी दी है, बहुत अच्छे तरीके से हर बात को समझाया है।
ReplyDeleteआपकी हरेक बात आसानी से समझ में आ गई है।
मेरा भी एक blog है, http://www.finoin.com जिसमे Share market and Mutual funds Investment की जानकारी प्रदान किया जाता है।
धन्यवाद…
बल्ब के आविष्कार होने से पहले एक समय ऐसा भी था जब लोग रौशनी के लिए दिए, मोहम्बत्ति का इस्तमाल किया करते थे. लेकिन इस प्रकार के चीज़ों का अगर सही तरीके से इस्तमाल नहीं किया गया था बहुत सी दुर्घटनाएं भी हो जाती थी. वहीँ इसके अलावा इनका रख रखाव भी उतना आसान नहीं था.
ReplyDeleteलेकिन जब थॉमस ऐल्वा एडीसन ने बल्ब का आविष्कार किसने किया और कब (Bulb ka avishkar kisne kiya) कर दिया तब मानो पुरे विश्व का चित्र ही बदल गया. अब लोगों को अँधेरे से और डरने की कोई जरुरत नहीं पड़ती थी. साथ में हम केवल घर नहीं घर के बाहर भी बल्ब का इस्तमाल होने लगा. तो आज के इस आर्टिकल में हम ये जानेंगे की आखिर बल्ब का आविष्कार किसने किया था और कब किया था. वहीँ उसके अलावा भी कुछ जरुरी जानकारी के विषय में जानेंगे.