जानिए क्या था गूगल का असली नाम, इसे गूगल नाम कैसे मिला जानेंगे तो हैरान रह जायेंगे
फ्रेंड्स, जैसे ही आपके मन में इंटरनेट पर कुछ सर्च करने का ख्याल आता हो तो गूगल का नाम ही सबसे पहले याद आता है। आज तमाम सर्च इंजिन्स के होते हुए भी गूगल पूरी दुनिया में सबसे ज्यादा पॉपुलर है। अपनी टेक्नोलॉजी के बलबूते गूगल ने सभी सर्च इंजिन्स को पछाड़ कर ये लोकप्रियता हासिल की है। आज दुनिया भर में गूगल के उसेर्स की संख्या कई देशों की जनसंख्या से कहीं ज्यादा है।
गूगल का अपना इतिहास है। गूगल हमेशा से इस नाम से नहीं जाना जाता था। कई वर्षों से गूगल का प्रयोग करने वालों से अगर पूछ लिया जाए कि गूगल का असली नाम क्या था तो शायद बहुत से लोगों को यह नहीं पता होगा। और शायद ये भी नहीं पता होगा कि गूगल को बनाने के पीछे कोई प्लानिंग या उद्देश्य नहीं था बल्कि ये महज एक संयोग था।
सन 1995 में स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी के दो छात्रों लैरी पेज और सर्गेई ब्रिन ने अपनी पढाई के दौरान एक ऐसा सॉफ्टवेयर बनाया जो इंटरनेट पर मौजूद सभी वेबसाइटों को सूचीबद्ध (लिस्टिंग) करने का काम करता था। उस समय उन्होंने अपने इस सर्च इंजन का नाम बैकरब रखा जिसकी मदद से यूजर्स अच्छी और बुरी वेबसाइटों को छांट सकते थे।
लेकिन कुछ दिनों बाद 1997 में पढाई पूरी करने के बाद उन दोनों ने इसका नाम बदलना चाहा। अचानक उन्हे किसी किताब में Googol शब्द दिखाई दिया। Googol एक मैथमैटिकल संख्या है, 1 के बाद सौ जीरो लगाने पर एक Googol बनता है। लैरी पेज और सर्गेई ब्रिन ने उसी शब्द के नाम पर अपने सॉफ्टवेयर का नाम Google कर दिया। google शब्द इंटरनेट पर उपलब्ध अनलिमिटेड जानकारी को व्यवस्थित करने के अपने मिशन को दर्शाता है।
और इस तरह से बैकरब को गूगल जैसा नया नाम मिला जिसे हम आज तक यूज कर रहे हैं। शुरुआत के दिनों में इस सर्च इंजन को बहुत कम ही लोग प्रयोग करते थे लेकिन धीरे-धीरे गूगल ने लोकप्रियता के शिखर को छू लिया है।
फ्रेंड्स, आशा करती हूँ कि आप को जानकारी पसंद आयी होगी आगे भी ऐसे आर्टिकल्स पढ़ने के लिए कृपया हमारी वेबसाइट विजिट करते रहे।
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लाजवाब जानकारी मित्रवर
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