अगर आप खाते हैं विटामिन सप्लीमेंट्स, तो हो जाएँ सावधान नहीं तो बाद में पछतायेंगे
फ्रेंड्स, बचपन से लेकर अब तक हम सभी ने कभी ना कभी विटामिन की टेबलेट जरूर खायी हैं। जब भी डॉक्टर के पास गए और पावरफुल बनने की बात की तो डॉक्टर विटामिन टेबलेट दे देता था। हम भी खुश और डॉक्टर भी खुश ये सोचकर कि इन टेबलेट्स से कोई नुक्सान तो होगा नहीं बल्कि फायदा करेंगी और शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाएंगी।
पर क्या डॉक्टर ये सही करते थे। और विटामिन टेबलेट्स पर हमारा इतना विश्वास होता था कि अगर डॉक्टर ने नहीं भी कहा हो तो भी विटामिन टेबलेट्स लेने के लिए किसी डॉक्टर की जरूरत नहीं होती थी। लेकिन विटामिन की गोलियों से जुडी एक रोचक जानकारी आज हम आपको बताने जा रहे हैं।
50 वर्ष से काम उम्र के 50,000 लोगो के समूह पर की गयी रिसर्च के बाद ये परिणाम सामने आया कि, विटामिन डी टैबलेट्स के ज्यादा सेवन कूल्हे और कमर की हड्डियां फ्रेक्चर होने की संभावना बढ़ जाती है। इस रिसर्च से विटामिन की दवाइयों के निर्माता कंपनियों को बड़ा झटका लगा है।
एक अन्य रिसर्च के अनुसार यह एक भ्रांति है कि पोषण संबंधी कमियां दवाइयों से दूर की जा सकती है। हमारा शरीर विटामिन जैसे तत्व सिर्फ भोजन और डाइट से ही ग्रहण करता है, विटामिन की टेबलेट्स से इनकी पूर्ति कर पाना मुमकिन नहीं है। 2013 में हुई एक स्टडी में यह पाया गया कि इन गोलियों या प्रोडक्ट्स में विटामिन की मात्रा भी अलग-अलग होती हैं, किसी भी विटामिन की अधिकता या कमी हमारे शरीर के लिये नुकसानदायक साबित हो सकती है।
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पर क्या डॉक्टर ये सही करते थे। और विटामिन टेबलेट्स पर हमारा इतना विश्वास होता था कि अगर डॉक्टर ने नहीं भी कहा हो तो भी विटामिन टेबलेट्स लेने के लिए किसी डॉक्टर की जरूरत नहीं होती थी। लेकिन विटामिन की गोलियों से जुडी एक रोचक जानकारी आज हम आपको बताने जा रहे हैं।
रिसर्च और अध्ययन
रिसर्च और अध्ययन की माने तो ये विटामिन उत्पाद कुछ खास प्रभावी नहीं होते हैं। अमेरिकन मेडिकल एसोसिएशन के जर्नल में छपे शोध के अनुसार इन विटामिन टैबलेट्स को लेने से शरीर में कुछ खास फर्क नहीं या प्रतिरोधक क्षमता नहीं बढ़ी है। ज्यादातर लोग कैल्शियम और विटामिन डी के लिये इन गोलियों का सेवन करते है।50 वर्ष से काम उम्र के 50,000 लोगो के समूह पर की गयी रिसर्च के बाद ये परिणाम सामने आया कि, विटामिन डी टैबलेट्स के ज्यादा सेवन कूल्हे और कमर की हड्डियां फ्रेक्चर होने की संभावना बढ़ जाती है। इस रिसर्च से विटामिन की दवाइयों के निर्माता कंपनियों को बड़ा झटका लगा है।
एक अन्य रिसर्च के अनुसार यह एक भ्रांति है कि पोषण संबंधी कमियां दवाइयों से दूर की जा सकती है। हमारा शरीर विटामिन जैसे तत्व सिर्फ भोजन और डाइट से ही ग्रहण करता है, विटामिन की टेबलेट्स से इनकी पूर्ति कर पाना मुमकिन नहीं है। 2013 में हुई एक स्टडी में यह पाया गया कि इन गोलियों या प्रोडक्ट्स में विटामिन की मात्रा भी अलग-अलग होती हैं, किसी भी विटामिन की अधिकता या कमी हमारे शरीर के लिये नुकसानदायक साबित हो सकती है।
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अगर नहीं जानते हैं कि स्मार्ट फोन को एंड्राइड फोन क्यों कहते है, तो जानिए
मोबाइल चार्जिंग में ना करें ये गलतियां नहीं तो बाद में पछतायेंगे
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