मूड अच्छा नहीं है तो पहनिए मूड अच्छा करने वाले ये चश्मे
सनग्लासेज का उपयोग | SUNGLASSES
धूप का चश्मा यानि सनग्लासेज का उपयोग आँखों को खतरनाक सोलर रेडिएशन से बचाने के लिये तो किया ही जाता है, साथ ही यह फैशन और स्टाइल स्टेटमेंट का सिंबल भी होता है। जैसे जैसे समय बदल रहा है चश्मों का दायरा भी बदल चुका है। आज मार्केट में विभिन्न तरह के लेंस अवेलेबल हैं, जो खतरनाक रेडिएशन से सुरक्षा करते हैं। उम्र बढ़ने के साथ-साथ हमारी आँखों की क्षमता कम होने लगती है।हैप्पी लेंस | HAPPY LENS
हैप्पी लेंस बनाने वाली एक कंपनी स्पाई ऑप्टिक इस दिशा में काफी सराहनीय काम कर रही है। हैप्पी लेंस को इस तरह डिजाइन किया जाता है कि यह नीली रोशनी में उपस्थित हानिकारक पराबैंगनी किरणों को रोक देती हैं। यह कलर, कंट्रास्ट तथा क्लेरिटी के द्वारा दृश्य को सुगम बनाती है। इससे दिमाग में सिरोटोनीन हॉर्मोन का उत्सर्जन होता है, जो अच्छा महसूस कराता है तथा खुशी प्रदान करता है।यानी हैप्पी लेंस का चश्मा पहनने से आपका मूड़ सही हो जाता है। लेकिन यह तथ्य काफी हद तक सही नहीं है। क्योंकि अतिरिक्त नीली रोशनी आँखों के लेंस को नुकसान पहुंचा सकती है। उम्र बढ़ने से नज़र में आई कमजोरी को इस तरह के लेंस से दूर नहीं किया जा सकता है, फिर भी हैप्पी लेंस की खोज कई लोगों के ख़राब और चिड़चिड़े मूड को अच्छा करने के लिये फायदेमंद साबित हो सकती है।
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